क्या है वेरीकोज वेन्स ? ये वे रक्त वाहिकाये होती है जो रक्त को ह्रदय की ओर ले जाती है । इनके अन्दर अशुद्ध रक्त होता है जो त्वचा के नीचे नीले रंग की नसो मे बहता है । यह रक्त आक्सीजन रहित होता है तथा आक्सीजन प्राप्ति के लिए ह्रदय से होता हुआ फेफडो मे जाता है वहा से शुद्ध होकर आक्सीजन प्राप्त कर फिर ह्रदय से होता हुआ लाल चमकदार रंग मे परिवर्तित होकर पूरे शरीर मे पहुंच जाता है । यह प्रक्रिया आपके शरीर मे लगातार चलती रहती है। आपने कभी अपनी त्वचा पर ध्यान दिया होगा तो आपने देखा होगा कि त्वचा के नीचे नीले रंग की नसे होती है जो अशुद्ध रक्त से भरी होती है तथा जब इन नसो पर रक्त का दबाव पडता है और किन्ही कारणो से रक्त आगे की ओर नही बढ पाता है या रूकावट आ जाती है तो यह नसे बढने लगती है और फूलकर मोटी हो जाती है इन्ही नसो को वेरीकोज वेन्स कहते है । वेरीकोज वेन्स के लक्षण-: • नीली व बैंगनी नसे • मांसपेशियो मे एठन • पैरो मे सूजन व भारीपन • पैरो मे टेढ़ी- मेढ़ी रस्सी जैसी नसे • लगातार खडे या बैठकर कार्य करने के बाद पैरो मे असहनीय दर्द • नसो के आसपास खुजली होना वेरीकोज वेन्स का...
एक उचित वजन बनाए रखना पित्त की पथरी को कम करने का सबसे सही तरीका है। नियमित व्यायाम और कम कैलोरी वाला आहार पथरी को दूर रखने में मदद करता है। भूखा रहने से बचें क्योंकि इससे पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा जो लोग अपना वजन कम करने का प्रयास करते हैं, वे इसे बहुत तेज़ी से नहीं करें वह अपना लक्ष्य 500 ग्राम से 1 किलोग्राम/सप्ताह कम करने का रखे । पित्त की पथरी कैसे बनती है : पित्त के बिना पाचन क्रिया की शुरुवात नहीं हो सकती क्योकि गॉल ब्लैडर और लीवर के मध्य बाइल डक्ट नामक एक छोटी सी नली होती है । यह नली गॉलब्लेडर को पित्त तक पहुँचाने का काम करती है। जैसे ही व्यक्ति के शरीर में भोजन जाता है वैसे ही यह नली पित्त को एक छोटी आंत के उपयुक्त हिस्से में भेज देती है। यहाँ से आरम्भ होती है पाचन क्रिया - खाना पचने के लिए हमे Bile जूस की आवशयकता होती है, ये Bile जूस लिवर में बनता है और पित्ताशय का काम होता है की इसे भोजन से पहले संग्रहित करना, जिस कारण से भोजन से पहले ये पित्ताशय पूर्ण रूप से भरा होता है । भोजन के बाद , पित्ताशय बिलकुल खाली हो जाता है क्योंकि ...
आइये बात करते है फैटी लीवर के बारे मे , लीवर हमारे शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथी कहलाती है । लीवर हमारे शरीर मे भोजन को पचाने ,पित्त बनाने , संक्रमण से लडने , ब्लड-शुगर को नियंत्रित रखने और प्रोटीन का निर्माण करने मे एक अहम भूमिका निभाता है ,लीवर शरीर से विषैले पदार्थ को निकालने व फैट को कम करने का कार्य भी बहुत अच्छे से करता है । एक स्वस्थ लीवर मे फैट बहुत कम अथवा बिल्कुल भी नही होता है ,परन्तु अगर आप बहुत ज्यादा शराब का सेवन करते है या बहुत अधिक भोजन खाते है तो आपका शरीर अतिरिक्त कैलोरी को वसा(फैट) मे बदल देता है , जिसे लीवर अपनी कोशिकाओ मे जमा कर लेता है ,और धीरे - धीरे लीवर मे फैट की मात्रा बढती चली जाती है । 90% लोगो मे अनियमित खानपान या अधिक शराब के पीने से इस वसा की मात्रा अत्यधिक बढ जाती है । जिसे फैटी लीवर कहा जाता है । पहले फैटी लीवर होने का मुख्य कारण शराब को ही माना जाता था । परन्तु अब बदलता लाइफस्टाइल भी फैटी लीवर का कारण बनता जा रहा है । आजकल के बदलते खानपान के कारण लगभग 30% लोगो मे फैटी लीवर की समस्या होने लगी है । फैटी लीवर के लोगो...
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