डायपर रैशेज और इलैक्ट्रोहोम्योपैथी
शिशु के यौन अंगों पर लाल रंग के चकत्तों को डायपर रैशेज कहा जाता है। मल या पेशाब से जलन, संवेदनशील त्वचा और ज्यादा टाइट डायपर पहनने की वजह से डायपर रैशेज हो सकते हैं। बच्चों की स्किन बहुत सेंसिटिव होती है इसलिए कोई भी क्रीम का मेडिकल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। शिशुओं की त्वचा बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती है जिस पर ददोरे और शोथ (सूजन) होने की संभावना रहती है। आपका शिशु जो डायपर पहनता है, उससे भी खुजली हो सकती है और इसके कारण डायपर रैश हो सकते हैं। भले ही आप अपने शिशु के लिए कपड़े की नैपी का इस्तेमाल करते हों, फिर भी डायपर रैश होना आम बात है। तथापि डायपर रैश हल्की प्रकृति का होता है और अच्छी साफ-सफाई रखने से इसकी आसानी से देखभाल की जा सकती है। डायपर रैश के लक्षण: - ददोरे शिशुओं के गुप्तांगों और कूल्हों पर लाल चकते के रूप में दिखाई देते हैं। इन लाल चकतों पर शुरुआती अवस्था में ही ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है अथवा ये छोटी-छोटी फुंसियों का रूप धारण कर सकते हैं। डायपर रैश के कारण: - डायपर रैश डायपर और त्वचा में स्थित नमी और ब