पैरालिसिस और इलैक्ट्रोहोम्योपैथी
क्या है पैरालिसिस ?
अन्य अंगों की तरह मस्तिष्क को भी सही तरीके से काम करने के लिए लगातार रक्त की आपूर्ति की जरूरत पड़ती है जिसमें ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की मात्रा होती है। जब मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है तो मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं जिसके कारण मस्तिष्क डैमेज हो जाता है और व्यक्ति को लकवा लग जाता है।
इसे कई नामो से जाना जाता है जैसे पैरालिसिस, लकवा ,फालिस आदि यह कई प्रकार का होता है वैसे इसके विशेष चार प्रकार है -
1. General paralysis इस प्रकार का फालिस सारे शरीर मे होता है । और रोगी पूरे शरीर को हिला डुला नही सकता ।
2. Hemipegia यह शरीर की लम्बाई मे आधे हिस्से मे होता है और जिस तरफ होता हे रोगी की उस तरफ की शरीर को हिलाने डुलाने की व स्पर्श शक्ति चली जाती है।
3. Facial paralysis चेहरे का फालिस यह रोगी के चेहरे की किसी एक ओर की मांसपेशियो को प्रभावित करता है और एक ओर से चेहरा टेढा हो जाता है ।
4. Local paralysis यह फालिस शरीर के किसी एक अंग मे होता है ओर जिस अंग मे होता है रोगी उस अंग को हिला नही पाता ।
पैरालिसिस के मरीज क्या खाएं
पैरालिसिस के मरीज गेहूं, जौ, बाजरा, दालें, हरी सब्जियां, पत्ता गोभी, ब्रोकोली, अनार, फालसा, अंगूर, हल्दी, सेब, पपीता,
संतरा, चेरी, तरबूज,और चीजें जैसे हींग, अजवाइन, सिरका, तिल, घी, दूध, नारियल पानी, ग्रीन टी, जैतून का तेल, बादाम, अदरक, लहसुन, अलसी के बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं ।
पैरालिसिस के मरीज क्या ना खाएं
दालें- अरहर, मटर, चना
फल एवं सब्जियां- आलू, टमाटर, नींबू, जामुन, करेला, केला, भिंडी, फूलगोभी
अन्य- तैल एवं घी का अत्यधिक सेवन, सुपारी, अत्यधिक नमक, पूरी, समोसा, चाट-पकोड़ा, मक्खन, आइसक्रीम, चाय, काफी
भारी भोजन- छोले, राजमा, उड़द चना मटर सोयाबीन, बैंगन, कटहल, ठंडा भोजन, पनीर, चॉकलेट, तला हुआ और आसानी से ना पचने वाले खाने
Paralysis मे इलैक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिसिन का प्रभाव
इस रोग से बचने के लिए मनुष्य को हमेशा तनाव से दूर रहना व अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
इलैक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिसिन हर्बल व हानिरहित होने के साथ-साथ प्रभावशील भी है ।
लकवा मे मुख्य रूप से
S1/S5,C1 3rd dilution
A3 3rd dilution
B.E की 5drops पीने को दे ।
और स्थान नं 5,6,7,17,18 पर बिजली की मालिश भी करे ।
कभी-कभार इन्ही स्थानो पर y.e या r.e की भी मालिश करे ।
इन मेडिसिन का प्रयोग अपने इलैक्ट्रोहोम्योपैथ चिकित्सक की देखरेख मे करे ।
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