मेनोपॉज और प्री मेनोपॉज के कारण लक्षण और इलैक्ट्रोहोम्योपैथी उपचार

क्या है रजोनिवृत्ति ?





रजोनिवृत्ति का मतलब है महिला के पीरियड्स का पूर्ण रूप से बंद हो जाना । एक साल तक पीरियड्स (मासिक धर्म) न होने पर इसे मेनोपॉज (रजोनिवृति) माना जाता है। यह एक सामान्य प्रकिया है जिससे हर महिला गुजरती है यह मेनोपॉज 50 की उम्र के आसपास होती है । और इसे नियंत्रित नही किया जा सकता यह एक प्राकृतिक क्रिया है ।







मेनोपॉज से महिलाओ मे ओवुलेशन की प्रकिया बंद हो जाती है ओर फिर वे गर्भधारण नही कर सकती है । मेनोपॉज के कुछ लक्षण सामान्य तथा कभी - कभी गंभीर लक्षण भी प्रकट होते है ,जो की प्राकृतिक होते है इन लक्षणो को अन्य चिकित्सा पद्धतियो मे नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है परन्तु इनके दुष्प्रभाव होते है। अतः जहाँ तक संभव हो मेडिसिन का प्रयोग ना करे ओर इस प्राकृतिक क्रिया के लिए  महिलाओ को चाहिए कि वह  स्वयं को इस क्रिया के लिए मानसिक रूप से तैयार कर ले।






मेनोपॉज के लक्षण-:
¤ नींद न आना या कम आना

¤ कामेच्छा की कमी होना

¤ योनि मे ड्राईनेस होना

¤ सिरदर्द होना आदि।








मेनोपॉज के गंभीर लक्षण-:
● हड्डियो मे दर्द होना
● चिड़चिड़ापन होना
● गुस्सा अधिक आना
● शरीर मे गर्माहट महसूस होना
● योनि मे तेज दर्द होना
● पेशाब मे इन्फेक्शन होना
● बालो या त्वचा मे बदलाव होना
● हड्डियो के ज्यादा कमजोर होने के कारण उनके टूटने का खतरा अधिक होना





प्री मेनोपॉज-: ज्यादातर मेनोपॉज का समय 50 वर्ष के आसपास होता है परन्तु बदलते परिवेश मे अनहेल्दी फूड्स और लाइफ स्टाइल के कारण आजकल महिलाओ को 40 की उम्र मे ही रजोनिवृत्ति के लक्षण आमतौर से देखने को मिल रहे है । जिसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड रहा है । और कई  प्रकार के लक्षण 40 की उम्र से पहले ही देखने को मिल रहे है । जैसे -: मूड मे बदलाव, अनियमित महावारी , चिड़चिड़ापन आदि।

प्री मेनोपॉज के कारण -:

• स्मोकिंग करना

• अल्कोहल का सेवन

• ओवरी की सर्जरी

• रेडिएशन

• कीमोथेरेपी

• आनुवंशिकता

प्री मेनोपॉज के लक्षण-: यह लक्षण 40 की उम्र से पहले ही दिखाई पडने लगते है ।



• नींद न आना या नींद पूरी न होना

• सामान्य तापक्रम मे गर्मी अधिक लगना

• चिंता होना

• चिड़चिड़ापन होना

• स्तनो का मुलायम होना या लटक जाना

• योनि मार्ग मे सूखापन होना

• सैक्स के दौरान योनि मे तेज दर्द होना आदि लक्षण प्रकट हो सकते है ।







मेनोपॉज मे चिकित्सा -: इन दोनो ही स्थितियो मे (मेनोपॉज व प्री मेनोपॉज) मे किसी भी एलोपैथिक मेडिसिन से दूरी बनाए रखे क्योकि यह एक प्राकृतिक क्रिया है तथा इसमे अन्य मेडिसिन लक्षणो को बढ़ा सकती है और महिला के स्वास्थ्य मे ओर अधिक समस्या होने की संभावनाए बढ़ जाती है । अतः इस दौरान आपको अपने खानपान का विशेष ध्यान रखते हुए व्यायाम भी करना चाहिए और अगर लक्षण ज्यादा कष्ट देते है तो हर्बल इलैक्ट्रोहोम्योपैथिक चिकित्सा का सहारा लेना चाहिए क्योकि इन हर्बल इलैक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिसिन का कोई विपरीत प्रभाव दिखाई नही देता है ।









यह मेडिसिन अपने इलैक्ट्रोहोम्योपैथ से परामर्श लेने के बाद ही  उपचार कराना चाहिए।

C1 लाइटर डायल्यूशन tds
F1W.EC10 लाइटर डायल्यूशन b.d
G.E / B.E  +C5 से योनि मार्ग की साफ-सफाई
तथा हड्डियो की कमजोरी के लिए C4 1ST 10बूद एक गिलास दूध मे सुबह-शाम पिलानी चाहिए।

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