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 रोग व लैब टेस्ट

आज हम बात करेंगे बुखार व उससे संबंधित लैब टेस्ट के बारे मे क्योंकि लैब टेस्ट से रोग के सही निदान मे सटीक जानकारी प्राप्त होती है ।








अगर किसी रोगी को हल्का या तेज बुखार बार-बार आता है तब चिकित्सक को बीमारी का सही निदान करने के लिए कुछ लैब टेस्ट कराने पड सकते है । सबसे ज्यादा मौसम परिवर्तन पर आने वाले बुखार ही मनुष्य को प्रभावित करते है ,वैसे अधिकतर बुखार स्वतः ही ठीक हो जाते है परन्तु कुछ जिद्दी बुखार मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण तीव्र रूप धारण कर लेते है अतः इस तीव्रता से बचने के लिए बुखार की शुरुआत मे ही टेस्ट करा लेने चाहिए।

बुखार के सबसे अधिक जो कारण है वह इस प्रकार है -: टायफाइड, मलेरिया ,डेंगू, गले का संक्रमण, पेशाब नली का संक्रमण, वायरल बुखार आदि।

असल मे सही जांच से रोग के निदान मे बडी हेल्प मिलती है और चिकित्सक भी  सही जांच होने पर उपयुक्त मेडिसिन सलेक्ट कर रोगी को दे सकते है ।


रोग व लैब टेस्ट

वायरल फीवर-: इसमे ठंड लगकर बुखार आता है ओर रोगी के पूरे शरीर मे दर्द होता है । इस रोग को पहचानने के लिए लैब टेस्ट मे ब्लड के सैम्पल से एंटीजन - एंटीबाॅडी टेस्ट कराये जाते है ।








मलेरिया -: यह बुखार भी ठंड लगकर चढ़ता है अतः टेस्ट से साफ हो जाता है कि कौन सा फीवर है। इस बुखार मे ब्लड सैम्पल से मलेरिया पेरासाइट की उपस्थिति की जांच की जाती है । इसके अलावा एंटीजन - एंटीबाॅडी टेस्ट भी करा सकते है ।







टायफाइड-: यह दूषित जल के पीने से होने वाला संक्रमण है। इसकी जांच के लिए-: ब्लड कल्चर , विडाल टेस्ट कराये जाते है । कई बार संक्रमण पुराना होने पर पेट की सोनोग्राफी ,पेशाब की सामान्य व कल्चर और मल की जांच भी कराते है ।






मूत्र नली का संक्रमण-: इसके लिए पेशाब की सामान्य व कल्चर जांच के साथ ही अल्ट्रासोनोग्राफी/अल्ट्रासाउंड की भी आवश्यकता पडती है जिससे मूत्राशय व किडनी की सही प्रक्रिया का पता चल जाता है ।





गले का संक्रमण-: गले के संक्रमण मे जीवाणु या विषाणु हो सकते है, जो नाक के दोनो ओर साइनस , मुखद्वार या टॉन्सिल मे उपस्थित हो सकते है । इसकी जांच के लिए थ्रोट स्वाॅब( रूई के फाहे से गले के स्राव की जांच) कराई जाती है व क्लीनिकल जांच के साथ एक्स रे भी करानी पड सकती है ।





इन सब जांचो के अलावा भी कम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC) टेस्ट कराया जाता है । जिससे ब्लड मे RBC ,WBC और प्लेटलेट्स की संख्या का पता चलता है ।









नोट -: किसी भी जांच को विशेषज्ञ से परामर्श कर विश्वसनीय लैब से ही कराये ।

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