क्या आपका बच्चा भी सोते समय बिस्तर गीला करता है हर्बल इलैक्ट्रोहोम्योपैथी मे है समाधान
आज हम आपको बतायेंगे एक ऐसी समस्या के बारे मे जिसका अगर समय रहते इलाज न कराया जाये तो यह रोग बच्चे के जवान होने पर भी उसको कष्ट दे सकता है।इस समस्या मे बच्चे सोते समय बिस्तर को गीला कर देते है ।जब बच्चा छोटा होता है तब तो माता -पिता इतना ध्यान नही देते परन्तु जब बच्चा बडा हो जाता है तो इस रोग को लेकर चिंतित हो जाते है ।
इस रोग मे पेशाब बिना इच्छा के अचानक से निकल जाता है ,यह रोग अधिकतर छोटे बच्चो को होता है। कुछ बच्चे रोज व कुछ बच्चे कभी - कभी रात्रि मे सोते समय बिस्तर पर ही पेशाब कर दिया करते है।
कुछ बच्चो का तो खाना खाते समय या खेलते समय भी अचानक से पेशाब निकल जाता है। शुरुआत मे तो घर के सभी लोग यही सोचते है की बच्चा छोटा है जिस कारण उनका इस रोग की ओर ध्यान ही नही जाता परन्तु जैसे -जैसे बच्चा बडा होता है लगभग 10 या 12 साल का और फिर भी उसका कपडो मे ही पेशाब निकल जाता है या सोते समय अनजाने मे बिस्तर पर ही पेशाब निकल जाता है तब बच्चा तो शर्मिन्दगी महसूस करता ही है, परन्तु माता - पिता को भी चिंता होने लगती है ।
बिस्तर पर या कपडो मे पेशाब निकलने के कारण -
• मूत्राशय की निर्बलता
• मलद्वार मे कृमि का होना
• अपच होना
• मिट्टी खाना आदि।
इस रोग मे रोगी को रात्रि मे सोने से एक घंटा पहले कुछ भी तरल पदार्थ दूध ,पानी इत्यादि नही पिलाना चाहिए और माता -पिता को भी विशेष ध्यान रखते हुए रात्रि मे एक बार बच्चे को उठाकर पेशाब करा देना चाहिए।
इस रोग मे हर्बल इलैक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिसिन का प्रभाव
आप इस रोग की जानकारी को यूट्यूब पर भी देख सकते है नीचे लिंक पर जाये 👇
https://youtu.be/317P578rlec
इस रोग मे हर्बल इलैक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिसिन बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुई है इस रोग के होने पर अगर इन दवाओ का सहारा लिया जाये तो बिना किसी साइड इफैक्ट्स के इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है ।
C17 5th dilution +
Ven1 3rd dilution +
S1 या A3 रोगी की प्रकृति के अनुसार मिलाकर दे ।
R.E स्थान नं 25 पर लगाए।
इन मेडिसिन के प्रयोग से मात्र 20 से 30 दिनो मे ही यह रोग कंट्रोल मे आ जाता है ।
इन मेडिसिन का लगभग 3 से 4 महा का पूरा कोर्स कराना चाहिए।
इस रोग मे हर्बल इलैक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिसिन बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुई है इस रोग के होने पर अगर इन दवाओ का सहारा लिया जाये तो बिना किसी साइड इफैक्ट्स के इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है ।
C17 5th dilution +
Ven1 3rd dilution +
S1 या A3 रोगी की प्रकृति के अनुसार मिलाकर दे ।
R.E स्थान नं 25 पर लगाए।
इन मेडिसिन के प्रयोग से मात्र 20 से 30 दिनो मे ही यह रोग कंट्रोल मे आ जाता है ।
इन मेडिसिन का लगभग 3 से 4 महा का पूरा कोर्स कराना चाहिए।
सभी मेडिसिन अपने इलैक्ट्रोहोम्योपैथ चिकित्सक के परामर्श लेकर ही सेवन करनी चाहिए।
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