माइग्रेन की समस्या से परेशान इलैक्ट्रोहोम्योपैथी मे समाधान

 माइग्रेन एक ऐसी समस्या है जो आपके दैनिक जीवन को प्रभावित करती है । ज्यादातर यह रोग महिलाओ मे पाया जाता है ,परन्तु आज की जीवन-शैली मे माइग्रेन की समस्या स्त्री-पुरुष दोनो मे देखने को मिलती है ।



इस रोग की शुरुआत मे आपको सुस्ती महसूस हो सकती है और बदन मे गिरावट के साथ अन्य लक्षण भी आ सकते है -:
• चक्कर आना
• सर घूमना
• आंखो के आगे चिंगारिया सी उडना
• कनपटी मे दर्द होना
• भौहो मे दर्द होना

आदि किसी एक या सभी लक्षणो के साथ दर्द तीव्र गति से झटके के साथ सिर के आधे हिस्से मे होता है । जिससे आपको सिर मे असहनीय पीड़ा होती है। इस रोग मे बिस्तर पर लेटने पर आराम महसूस होता है परन्तु अगर आप बिस्तर से उठने का प्रयास करेगे तो आपको दर्द अधिक महसूस होगा ।



इस रोग के गंभीर लक्षण -:
जब यह रोग अपने चरम पर होता है तब आपको निम्न लक्षण दिखाई दे सकते है
• मस्तिष्क मे असहनीय दर्द होना
• रोशनी और शोरगुल सहन न कर पाना
• चेहरे की रंगत उडना
• शरीर मे कपकपी महसूस होना
• नब्ज कमजोर चलना
• उबकाई आना
• जी मचलना
• सर मे ऐसा महसूस होना जैसे कोई हथोड़े मार रहा हो
• या जैसे कोई सर मे कील ठोक रहा हो





यह रोग तीन से चार घंटे पीडा होने के बाद अचानक से चला जाता है और आपको नींद आ जाती है । और जब आप जागते है तो आप बिल्कुल ठीक महसूस करते है ।
माइग्रेन किसी रोगी को सर मे दाई ओर व किसी रोगी को बाई ओर होता है ।

रोग के कारण -  स्त्रियो मे मासिक की अधिकता के कारण भी यह रोग हो जाता है तथा अन्य कारणो के कारण स्त्री व पुरूष दोनो मे यह रोग हो जाता है -
• रक्त की खराबी
• एसिडिटी
• नींद कम आना
• नींद बहुत आना
• बदहज़मी होना
• भूखा रहना 
• ज्यादा कार्य करना 
• कैफीन युक्त पदार्थ का ज्यादा सेवन 

कई बार यह रोग अधिक शारीरिक संबंध स्थापित करने से आई कमजोरी के कारण भी हो जाता है । और कुछ मनुष्यो मे यह रोग पैतृक भी पाया जाता है।


माइग्रेन मे इलैक्ट्रोहोम्योपैथी मेडिसिन का असर - इलैक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिसिन मे इस रोग की शुरुआत मे F1W.E C10 का 5th dilution tds before meal
और A3C1 5th dilution After Meal tds तथा दाई ओर दर्द होने पर स्थान नं 9 व 16 पर R.E व बाई ओर पीडा होने पर Y.E का प्रयोग और सर के ऊपर वाले हिस्से पर W.E के कंप्रेसर का प्रयोग कभी कभी रोगी को C5 की गोलिया भी खिलानी चाहिए।

व्यायाम- इस रोग मे अनुलोम- विलोम लाभदायक सिद्ध हो सकता है ।

सावधानी - औषधि व व्यायाम अपने चिकित्सक की देखरेख मे प्रयोग करे ।

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